अबॉर्शन पिल्स लेने से पहले जान लीजिए इसके नुकसान

अबॉर्शन पिल्स लेने से पहले जान लीजिए इसके नुकसान

सेहतराग टीम

मां बनना हर महिला के लिए काफी खुशी वाला पल होता है। इसलिए जब से वो गर्भ धारण करती हैं तब से ही उनके चेहरे पर खुशी दिखने लगती है। लेकिन अगर वो बच्चे के लिए तैयार नहीं होती है औऱ तब गर्भ धारण हो जाता है तो वो उनके लिए काफी मुश्किल भरा रहता है। ऐसी स्थिति में वो गर्भपात की गोलियां लेने लगती हैं जो सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होता है। तो आज हम आपको बताते हैं कि अबॉर्शन पिल्स लेने से आपको क्या-क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते है।

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कब ले सकते हैं गर्भपात की दवा (When Can I Take the Abortion Pill in Hindi):

आज के समय में अक्सर सुनने को मिलता है कि गलती से गर्भ ठहर जाता है। ऐसी स्थिति में महिलाओं को डॉक्टर की सलाह से दवा लेना चाहिए। उसके पहले अल्ट्रासाउंड करवाकर पता कर ले कि आप दवा खाने की स्थिति में है या नहीं। एक्सपर्ट का मानना है कि नौ हफ्ते तक की अवस्था में महिलाएं गर्भपात की गोलियां ले सकती है। वहीं ये दो बार लिया जाना चाहिए। इसलिए कब-कब लेना है ये एक्सपर्ट बता सकते है। तो उस अंतर को जानने के लिए चिकित्सक की मदद लेनी चाहिए।

क्या है गर्भपात की दवाओं की गारंटी?

अगर गोली प्रेग्नेंसी के पहले 2 हफ्तों के अंदर और सही तरीके से ली जाए तो यह 95% से 97% तक काम करती है। अगर इसे समय टलने के बाद लिया जाए तो एनीमिया, हृदय रोग या अनियंत्रित मिरगी की समस्या हो सकती है।

अबॉर्शन पिल्स के नुकसान (Side Effect of Abortion Pills in Hindi):

पूरी तरह से गर्भपात न होना

कई बार गोलियां लेने से भ्रूण पूरी तरह गर्भाश्य से बाहर नहीं निकल पाता और उसके कुछ अवशेष अंदर रह जाते हैं। ऐसे में हालांत में सर्जरी करवाने की नौबत आ सकती हैं इसलिए बेहतर होगा कि आप इन पिल्स को लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।

शरीर में खून की कमी

अधिक ब्लीडिंग होने के कारण इससे शरीर में खून की कमी हो जाती है। अगर आप पहले से ही एनीमिक है तो आपकी समस्या और भी बढ़ सकती हैं। ऐसे में आपको बिना डॉक्‍टरी सला‍ह के इन गोल‍ियों के बारे में सोचें भी नहीं।

अधिक मात्रा में ब्‍लीडिंग

ये पिल्स सिर्फ 50 दिन के अंदर तक ली जानी चाहिए लेकिन लोग बिना जानकारी के इसे तीन महीने चार महीने तक ले लेते हैं, जिससे ब्लीडिंग बहुत ज्यादा होने लगती हैं और इंफैक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है। दरअसल, यह गोलियां शरीर में बन रहे प्रेग्‍नेंसी हॉर्मोन प्रोजेस्‍टेरॉन के उत्‍पादन को बंद कर देती हैं, जिससे भ्रूण गर्भाशय से अलग होकर बाहर आने लगता है और गर्भाशय का संकुचन ब्‍लीडिंग को बढ़ा देता है। इससे पीरियड के दौरान हैवी ब्‍लीडिंग हो सकती है और यह कुछ दिनों बल्कि हफ्तों से लेकर एक महीने तक हो सकती है।

कमजोरी होना

ये गोलियां इतनी स्ट्रांन्ग होती है, जिससे शरीर में कमजोरी, सिरदर्द और चक्कर आने लगते हैं। इसके अलावा इससे कभी-कभी बुखार भी आ जाता है। अगर इनके सेवन के बाद अगर तबीयत ज्‍यादा खराब हो तो डॉक्‍टर से संपर्क करना चाहिए।

फर्टिलिटी पर असर

अबॉर्शन की दवाइयां का अधिक इस्‍तेमाल करने से शरीर में बन रहे प्रेग्‍नेंसी हॉर्मोन प्रोजेस्‍टेरॉन प्रभावित होती है। इस वजह से महिलाओं के फर्टिल‍िटी पर भी असर पड़ता है और महिला को दोबारा मां बनने में परेशानी होती है।

पेट में अधिक दर्द और ऐंठन

अबॉर्शन पिल्‍स से पेट में दर्द और ऐंठन होता है। चूंकि इससे शरीर भारी मात्रा में रक्‍त और दूसरे द्रव लगातार निकलते रहते हैं इसलिए पेट, पैरों और शरीर के कई हिस्‍सों में ऐंठन की शिकायत हो सकती है।

जी मिचलाना, दस्‍त

इस दवाओं का सेवन करने से जी मिचलाने और उल्‍टी की शिकायत भी हो सकती हैं। इसके अलावा इससे कभी-कभार पेट में मरोड़ और दस्त भी लग सकते हैं।

 

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